मुंबई : मुंबई की एक सत्र अदालत ने एक सैलून के दो पूर्व कर्मचारियों को 2018 में 28 वर्षीय महिला की हत्या करने के मामले में
दोषी ठहराया। पीड़िता कृति व्यास इन दोनों व्यक्तियों के साथ सैलून में काम करती थी और वह मार्च 2018 में लापता हो गई थी। उसका शव बरामद नहीं हुआ था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने आरोपी सिद्धेश ताम्हणकर और खुशी सहजवानी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 ( सबूतों को गायब करना) समेत अन्य धाराओं में दोषी ठहराया।
सजा पर सुनवाई मंगलवार को होगी। सहजवानी और ताम्हणकर उपनगरीय अंधेरी में एक सैलून में अकाउंट संबंधी कामकाज देखते थे और व्यास को रिपोर्ट करते थे जो वित्त प्रबंधक थी।
व्यास की हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि उसने एक आरोपी को ठीक से काम नहीं करने के लिए मेमो जारी किया था।
पुलिस ने बताया कि एक आरोपी की कार में मिले खून के नमूनों का डीएनए परीक्षण कराने के बाद मामले का खुलासा किया गया। उसने कहा था कि वाहन का इस्तेमाल कथित तौर पर अपराध में हुआ था।
इस मामले की जांच का जिम्मा अपराध शाखा को सौंपा गया था, जिसने दो गिरफ्तारियां कीं।
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