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जय अंबे एसआरए योजना का विकासक परेशान



मुंबई। चेंबूर जय अंबे सहकारी गृहनिर्माण संस्था के एसआरए योजना में उच्च स्तर पर भ्रस्टाचार होने की जानकारी सामने आ रही है।जिसके चलते पिछले 10 सालो से यहां का यह प्रोजेक्ट रखड़ रहा है।विकासक के लाख प्रयास के बावजूद भी इस सोसायटी के लोग उसे परेशान कर अपनी अपनी डिमांड कर योजना को पूरा करने से रोकने का काम कर रहे हैं।

गौरतलब है की गत 10 वर्ष पहले आदर्श नगर चेंबूर झामामल चौक के पास न.भ.क्र.497 व 22 वा (भाग) पर जय अंबे सहकारी गृहनिर्माण संस्था के माध्यम से यहां एसआरए योजना की शुरुआत हुई थी।जिसमे पहले बनी सोसायटी के लोगो को गलत तरीके चुनाव प्रक्रिया करवा कर कुछ दबंग लोग इस सोसायटी पर काबिज हुए है।सूत्र बताते हैं की यहां के दत्ता पाटिल उनकी बहने सुनंदा व मधुरा इस सोसायटी पर पूरी तरह हॉबी हैं।जबकि इस सोसायटी के परिशिष्ट 2 में क्रमांक 211 पर राजेंद्र सिंह जोगिंदर सिंह भुल्लर था तो सरबजीत सिंह कमेटी में कैसे आया।इसी तरह से क्रमांक 66 पर केसरबाई सोपान कुमंटकर था तो रमेश सोपान कुमटकर नाम कमेटी में कैसे आया।


इसी प्रकार क्रमांक 151 पर तुकाराम रामचंद्र पाटिल को भी पात्र दिखाया गया है।जो इस सोसायटी के पदाधिकारी बने है।तुकाराम रामचंद्र पाटिल ने अपने झोपड़े के महले को भी पात्र करवाया है।वही तुकाराम गुंडाराम म्हस्के नामक दबंग ने यहां के सार्वजनिक नल की जगह पर मुर्गी के दरबे को भी पात्र करवा कर अलग मकान पाने का जुगाड़ लगाए है।इसके अलावा संतोष सावंत ने अपनी मोरी को भी फर्जी कागजात के माध्यम से पात्र करवाकर डबल मकान पाने की जुगत की है।करीब 200 झोपडा धारको की इस एसआरए योजना में कोई ना कोई अड़ंगा डालकर उपरोक्त लोग आए दिन विकासक को परेशान कर सिर्फ अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं।जिसके चलते इस एसआरए योजना को विकासक पूरा नहीं कर पा रहा है।

विकासक के एक सहयोगी ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर इस संवाददाता को बताया की दत्ता पाटिल, सुनंदा और मधुरा रोज कोई ना कोई उपाय करके विकासक से पैसे की डिमांड करते रहते है।जिनका साथ उपरोक्त लोग भी देते हैं।जिससे विकासक परेशान व हैरान है।विकासक के एक दूसरे सहयोगी ने हमे बताया की पिछले 10 साल पहले शुरू हुई इस योजना में जिनका इस सोसायटी से कोई लेना देना नहीं है वही प्रोजेक्ट को पूरा करने में अड़ंगा डालता रहता है।जिसकी कई लिखित शिकायत भी म्हाडा व एसआरए के मुखिया सहित गृहनिर्माण मंत्री को दी गई है।एक तरफ गरीब झोपडा धारक अपने विकास काम में हो रही देरी से परेशान हैं तो दूसरी तरफ विकासक इन सफेदपोश दबंगो से त्रस्त हैं।

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