मुंबई। मुंबई के अँधेरी इलाके से सांगली जिले के जत मे सैर सपाटे पर गया एक परिवार सतारा के शिरवल पुलिस की हद में जाकर तीन बाइक सवार लोगो को अपनी कार से रौंद दिया।जिसके चलते घायल हुए तीनो बाइक सवारो में से मुंबई के एक पीएसआई के भतीजे का एक पैर फैक्चर हो गया है।शिरवल पुलिस की महानता यह है की उसी युवक को आरोपी बनाने का बेहद ही निदंनीय का किया है। गौरतलब है की एक परिवार मुंबई से सांगली,जत तालुका (नेटिव प्लेस) के खैरावत गया था।वहां से घुमते घुमते वापस मुंबई आते समय 5 फ़रवरी को सतारा के शिरवल पुलिस की हद के फलटण मार्ग लोनद से शिरवल रोड पर शाम 06.30 बजे कार क्रमांक एम.एच. 02.सी.एन-1112 के चालक ने गन्ने से भरे एक ट्रैक्टर से टकराने से बचने के चक्कर में कार ने एक बाइक सवार को अपनी चपेट में ले लिया।उक्त कार मारूती सोनाजी चव्हाण (65) नामक बृद्ध युवक चला रहा था।जो कार को नियंत्रित नहीं कर पाया और बाइक सवारो को अपनी चपेट में ले लिया।इस मामले में गंभीर घायल युवक मुंबई स्थित पंतनगर पुलिस थाने में कार्यरत पुलिस सब इंस्पेक्टर शिवाजी धायगुडे का भतीजा तुषार संजय धायगुडे (24) व उसके दो अन्य साथी है। अचरज की बात यह है की दुर्घटना करने वाले को पुलिस ने बचाते हुए तुषार धायगुडे को ही आरोपी बनाया है।जब दुर्घटना कार चालक मारूती सोनाजी चव्हाण (65) के चलते हुई है।वह बृद्ध होने के साथ साथ कार चलाने में उतना निपुण भी नहीं था।पुलिस के विशेष सूत्र बताते हैं की कार मालीक श्रीमंत नारायण क्षीरसागर,उनकी लडकी मुंबई मनपा की अधिकारी होने के नाते किसी महिला अधिकारी के दबाव में ही शिरवल पुलिस ने आरोपी को फरियादी बनाकर गंभीर जख्मी हुए तुषार को ही आरोपी बनाने का दुहसास किया है।बताया जाता है की इस मामले को लेकर पंतनगर के पुलिस सब इंस्पेक्टर शिवाजी धायगुडे ने सभी संबंधित विभाग के अधिकारियो और मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री पुलिस महासंचालक को पत्र देकर मांग की है की शिरवल पुलिस थाने के हेड कॉन्स्टेबल सुनिल मोहरे उनके संबंधित अधिकारियो की जांच कर उचित कार्यवाई की मांग की है।साथ ही साथ उन्होंने तुषार के इलाज में 2 लाख रूपए खर्च हुए है,जबकि अभी घुटने का ऑपरेशन करना बाकी है,वह 6 महिना कुछ काम भी नही कर सकता है।दुसरे दो बच्चो के भी करीब 1 लाख रुपए खर्च हुए है।
शिरवल पुलिस ने फरियादी को बनाया आरोपी, पीएसआई के भतीजे का दर्द

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