मुंबई निर्मला फाउंडेशन की संस्थापिका और प्रसिद्ध समाजसेविका शशिकला पटेल साहित्य जगत की लेखनी के माध्यम से समाज में मूल परिवर्तन लाना चाहती है। उल्लेखनीय तौर पर फिर चाहे वह रूढ़िवादी सोच है, जाती गत धार्मिक पिछड़ा पन हो शिक्षा के क्षेत्र में अलक जगाकर गरीबों के घरों में उजियारा फैलाने की कोशिश कर रही है। गौरतलब हो की निर्मला फाउंडेशन के सहयोग से समाजसेवा जगत में शशिकला पटेल ने बहुत ही समाज उपयोगी कर किये है। आरोग्य, शिक्षा के क्षेत्र में निर्मला फाउंडेशन की और से बड़े पैमाने पर जरूरतमंदो के लिए मुहीम चलाकर सहयोग करते चले आ रहें है। उनके सामाजिक कार्य में पति अमर बहादुर पटेल के अमूल्य योगदान को नहीं भूलती है।
एक कार्यक्रम के दौरान प्रसार माध्यमो से बातचीत करते हुए समाजसेविका व युवा उभरती साहित्य जगत की लेखिका शशिकला पटेल समाज में ऊंच -नीच ,आमीरी गरीबी जैसे मुद्दों पर लेखिनी के जरिये बड़े बदलाव लाने के पक्ष में है। वहीं मौजूदा साहित्य जगत को एक साधना के तौर पर देखती है। इस साहित्य की साधना से व्यक्ति विशेष विद्वानों का आशीर्वाद प्राप्त करता है। परिणाम स्वरूप शिक्षा के क्षेत्र में पीएचडी तक पहुँचने वाली विद्यवानो की कातार में शामिल हो चुकी है। इसका सारा श्रेय साहित्य जगत की विभूतियों, वरिष्ठ पत्रकारों और विशेषकर पति अमर बहादुर पटेल की सानिध्य में मिले आशीर्वाद रूपी सपोर्ट ने सशक्त महिला के रूप में स्थापित किया है।
शशि कला पटेल के अनुसार मुंबई भर में होने वाले अनेक संस्कृतिक साहित्यक कार्यक्रमों का अक्सर हिस्सा देखने को मिलती है। बताते है की अपनी कर्णप्रिय काव्य रचनाओं के चलते हमेशा श्रोताओं के बिच लोकप्रियता बटोरती चली आने वाली उभरती कवियत्री के तौर पर अपनी पहचान बनाई है। काव्य साहित्य जगत से जुडी विभिन्न शख्सियतों को अपना आदर्श मानती है। जिनके पद चिंन्हो पर चलकर आज काव्य क्षेत्र के विशेष मुकाम तक का सफर पूरा किया है।