इस नियम के चलते 16 साल बाद होगी रिहाई!
मुंबई। अंडरवर्ल्ड डॉन, कुख्यात गैंगस्टर अरुण गवली उर्फ डैडी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने समय से पहले रिहा करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने पूर्व माफिया डॉन गवली को एक महीने के भीतर रिहा करने का निर्देश दिया है। गवली ने 2006 के महाराष्ट्र सरकार के निर्णय के आधार पर सजा से छूट की मांग की थी। गवली 16 साल से नागपुर सेंट्रल जेल में बंद है।
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने माफिया डॉन से नेता बने अरुण गुलाब गवली की रिहाई का निर्देश दिया और जेल प्रशासन को इस संबंध में जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि गवली 2006 की नीति का लाभ पाने का हकदार है।
क्या है 2006 का महाराष्ट्र सरकार का फैसला?
65 वर्ष की आयु पूरी कर चुके विकलांग, आधी सजा पाए कैदी को सजा से छूट दी जाएगी। इसके मुताबिक, अरुण गवली ने भी अपनी जल्द रिहाई की मांग करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
गवली ने अपनी याचिका में कहा कि वो अब 69 साल का हो गया है और सरकार के ही एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जिन कैदियों की 14 साल की सजा हो चुकी है और उम्र 65 साल को पार कर गई है, उनको रिहा किया जा सकता है।
जस्टिस विनय जोशी और जस्टिस वृषाली जोशी की खंडपीठ ने अरुण गवली की याचिका को स्वीकार कर लिया है। कोर्ट के आदेश के बाद मई महीने तक गवली जेल से बाहर आ सकता है।
मायानगरी मुंबई के दगड़ी चॉल के रहने वाले अरुण गवली पर कई गंभीर मामले दर्ज है। 69 वर्षीय गवली 2004-2009 के दौरान विधायक भी थे। इस बीच 2006 में गवली को गिरफ्तार किया गया था, मुकदमा चला, दोषी पाया गया। 2012 में शिवसेना नेता कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के लिए गवली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
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