शम्स दुर्रानी की कप्तानी में निर्माता आशुतोष सिंह ने अपनी हिन्दी फिल्म "शराब बंदी" की घोषणा हाल ही में एक भव्य कार्यक्रम में की। माँ विन्ध्यवासिनी फिल्म क्रियेशन कृत यह फिल्म बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लागू शराबबंदी की सफलता, उससे हुए लाभ एवं सुधार को फोकस करेगी। शराब के कारण जिन गरीब लाचार लोगों के परिवार बिखरने लगे थे, शराबबंदी लागू होने के पश्चात स्थिति में आश्चर्यजनक सुधार हुआ है, बदलाव आया है। अब शराब में खर्च होनेवाले पैसे घर पर खर्च हो रहे हैं।
पी कर बेसुध पड़नेवाले अब घर परिवार की सुधि लेने लगे हैं। सावन डांस हॉल, आदर्श नगर, अंधेरी पश्चिम, मुंबई में निर्माता आशुतोष ने इसे एक अर्थपूर्ण फिल्म कहा जो शराब के नुकसान और शराबबंदी के फायदे दोनों को समानरूप में फोकस करेगी। इसमें नीतीश कुमार की दूरदर्शी समाज सुधार नीति की प्रशंसा भर नहीं होगी, धरातल पर जो भी सकारात्मक कार्य हुए हैं, सबका चित्रण होगा। आगे निर्माता आशुतोष सिंह ने कहा, "शराब बंदी" नीतीश कुमार के इस प्रशंसनीय कदम को जन जन तक पहुँचाने का काम करेगी। इस पहल को राजनीति से ऊपर उठकर देखने की ज़रूरत है क्योंकि यह आम जनमानस के हित में उठाया गया कदम है। इस फिल्म के संयोजक दयानंद सिंह (मुखिया जी) हैं।
निर्देशक शम्स दुर्रानी से पूछा गया, क्या इस "शराब बंदी" में बंदी की सफलता के साथ उसके साईड इफेक्ट्स को भी दिखायेंगे ? आलोचना और प्रशंसा दोनों एक ही सिक्का के दो पहलू हैं। संतुलन बनाने के लिए आलोचना भी उतनी ही ज़रूरी है जितनी तारीफ। फिल्म समाज को एक नयी दिशा देने में सफल होगी। मैं यथार्थ को यथार्थ की तरह ही दिखाना पसंद करता हूँ। मेरी दूसरी फिल्म "ज़िला बाँका" भी बिहार के एक व्यक्ति के वास्तविक जीवन के संघर्ष की कहानी होगी जो आज झारखंड का एक बड़ा आदमी बना हुआ है। कलाकार तकनीशियनों का चयन जल्द शुरू होगा।
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