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सावित्रीबाई फुले विद्यालय में हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश देने वाली दिंडी छात्रों ने निकाला जुलूस



मुंबई। साकीनाका के सावित्रीबाई फुले स्कूल और ट्यूलिप इंग्लिश स्कूल के छात्रों ने आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर स्कूल में जुलूस निकाला। ज्ञात हो कि  देश भर से बड़ी संख्या में विभिन्न जाति समुदाय के  वारकरी पंढरपुर में भगवान विट्ठल के दर्शन के लिए पैदल यात्रा करते हैं।  इस वर्ष की आषाढ़ी  एकादशी विशेष है।  इसका मुख्य कारण यह है कि इस साल आषाढ़ी और ईद एक ही दिन हैं, इसलिए इस वारी का अलग ही महत्व है।


साकीनाका के सावित्रीबाई फुले विद्यालय  की संचालिका ज्योति राजेश सुभेदार और ट्यूलिप इंग्लिश स्कूल की सलोनी सुधीर कुडा लकर के मार्गदर्शन में इस वर्ष हिंदू-मुस्लिम एकता और भाई चारे का संदेश देने वाली पालकी दिंडी का आयोजन किया गया। इस जुलूस में मुस्लिम लड़के और लड़कियों के साथ हिंदू लड़के और लड़कियों ने भी भाग लिया।  मुस्लिम वेशभूषा धारण करने वाले बच्चों ने दिंडी को कंधों पर उठाकर हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश दिया।  इस दौरान छात्रों ने स्कूल परिसर में विट्ठल विठ्ठल विट्ठला के जय घोष के नारे लगाते हुए दिंडी निकली।


 आषाढ़ी वारी पर, वारकरी भगवान के साथ एक हो जाते हैं।  वारकरी अपने कंधों पर  पालकी लेकर महीनों महीने दिंडी में हिस्सा लेते हैं।  विठूराया के दर्शन के लिए विभिन्न जातियों और समुदाय के लोग शामिल होती हैं ।  इस साल की आषाढ़ी में ईद का भी पर्व है।  छात्रों में जाति पांती का भेदभाव नहीं होना चाहिए।  हम मानवता और भाई चारे केउद्देश्य के लिए त्योहार मनाने के लिए स्कूल में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं।  इस साल, हिंदू मुस्लिम एकता का संदेश देने वाली  दिंडी की अवधारणा पेश की गई ऐसा विद्यालय  की संचालिका ज्योति सुभेदार ने बताया।

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