
मुंबई। पश्चिम रेल्वे के लोअर परेल वर्कशॉप मे ढाई से तीन हजार कर्मचारी कार्य करते है।बहरहाल उन्हे ड्युटी मे आने और भोजनअवकाश एवं कार्यमुक्ती के पश्चात बायोमेट्रिक का उपयोग कर ना पडता है।जिनके लिए बेहद ही परेशानी का घर बन रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकतम कर्मचारी डहाणू,पालघर,कर्जत,कसारा,कल्याण पनवेल से अपने कार्यस्थल पर उपस्थित रहते है।उन्हे अपनी हाजरी सुबह 7 बजे बायोमेट्रिक द्वारा देनी होती है।इसलिए उन्हे सुबह चार या पाच बजे घर से बिना खाए पीए निकलना पडता है।वर्क शॉप के कॅन्टीन मे समुचित मतलब पर्याप्त सुविधा न होने के कारण उन्हे बाहरी हॉटेल और नास्ते के स्टॉलो का सहारा लेना पडता है।इस हालत मे भी वे अपनी ड्युटी बखूबी निभाते है।परंतु अब प्रशासन द्वारा RFID (रेडिओ फ्रीक्वेनसीं आईडेंटिफिकेशन) के उपयोग करने की सक्ती करने की चाल चली है।जिससे वर्कशॉप के सभी कर्मचारी प्रभावित हो रहे है।इस सिस्टिम द्वारा कर्मचारी एक बार वर्क शॉप मे जाने के पश्चात कार्य काल समाप्त होने के बाद ही RFID द्वारा वर्कशॉप के बाहर जा सकता है।
प्रशासन के इस जिद्दी नीती से कर्मचारियो पर गहरा असर पडने की पूरी संभावना है।इस सिस्टिम के सभी कर्मचारी विरोध करते दिखाई दे रहे है।जिसको लेकर पश्चिम रेल्वे भारतीय कामगार सेना द्वारा प्रशासन को पुनर्विचार करने की मांग की गयी थी।परंतु कर्मचारियों के बढते हुए रोष को ध्यान मे रखते हुए शनिवार 21मई को सभी युनियन और संघटनो द्वारा मुख्य कारखाना प्रबंधक के कार्यालय के सामने भारी संख्या में कर्मचारियो के उपस्थिती मे धरणा आंदोलन किया।इस प्रणाली को रद्द करे या लोअर परेल वर्कशॉप मे कर्मचारियों के लिए कॅन्टीन एवं मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
इस (RFID) प्रणाली को लागू करे।इस आंदोलन मे कर्मचारियो के साथ साथ पश्चिम रेल्वे भारतीय कामगार सेना के पदाधिकारी अध्यक्ष रवींद्र जाधव,महासचिव रुपेश वायंगणकर खजिनदार दिपक पोखरणकर सचिव गणेश मुरुडकर,संतोष कडू अन्य सभासदो के साथ भारी संख्या में रेल कर्मचारी उपस्थित थे।
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