मुंबई। बीएमसी ने सोमवार को कहा कि मराठी या देवनागरी लिपि में साइनबोर्डनहीं लगाने वाले दुकानों और प्रतिष्ठानों को 1 मई से दोगुना संपत्ति कर देना होगा। एक विज्ञप्ति में, बृहन्मुंबई नगर निगम ने यह भी कहा कि उसने रोशनी वाले बोर्डों (glow signs) के लाइसेंस को रद्द करने का फैसला किया है, जिन पर मराठी या देवनागरी लिपि में अक्षर नहीं हैं, उन्होंने कहा कि लाइसेंस को रिन्यू करने में 25,000 रुपए से 1।5 लाख रुपए के बीच खर्च आएगा।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और महाराष्ट्र दुकानें और प्रतिष्ठान (रोजगार और सेवा की शर्तों का विनियमन) नियम, 2018 और महाराष्ट्र दुकानें और प्रतिष्ठान (रोजगार और सेवा की शर्तों का विनियमन) नियम 35 और धारा 36 सी का पालन न करने पर यह कार्रवाई की जा रही है।
विज्ञप्ति के अनुसार, हाल ही में नियुक्त बीएमसी आयुक्त-सह-प्रशासक भूषण गगरानी द्वारा इस मुद्दे पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कड़ी कार्रवाई करने के निर्णय को अंतिम रूप दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने 23 नवंबर, 2023 की समय सीमा से पहले दुकानों और प्रतिष्ठानों में साइनबोर्ड पर मराठी भाषा या देवनागरी लिपि प्रदर्शित करने के लिए दो महीने का समय दिया था।
इसके बाद, नागरिक निकाय ने 28 नवंबर, 2023 से अनुपालन की जांच के लिए एक अभियान शुरू किया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस साल 28 नवंबर, 2023 से 31 मार्च के बीच कुल 87,047 दुकानों और प्रतिष्ठानों की जांच की गई, जिसमें से 84,007 यानी 96।50 प्रतिशत ने मराठी साइनबोर्ड लगाए हुए पाए गए।
बीएमसी ने मराठी भाषा या देवनागरी लिपि में साइन बोर्ड प्रदर्शित नहीं करने पर 3,040 दुकानों और प्रतिष्ठानों को कानूनी नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कुछ मामले, जिनमें नोटिस जारी किए गए हैं, उनकी सुनवाई अदालत में हो रही है, जबकि अन्य अधिनियम में प्रावधान के अनुसार मामले को प्रशासनिक तरीके से निपटाने के लिए उपायुक्त (विशेष) के समक्ष सुनवाई के लिए उपस्थित होते हैं।
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