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महिला उद्योजिका को महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार


मुंबई। कुर्ला पूर्व कामगार नगर निवासी एक महिला उद्योजिका को नागपुर के कई समाजिक संस्थाओ के सौजन्य से महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार कुर्ला पूर्व कामगार नगर निवासी महिला उद्योजिका जयश्री गजाकोश काफी लंबे समय से समाजसेवा छेत्र से जुडी हुई कर्मठ ईमानदार समाजसेविका के तौर पर जानी पहचानी जाती हैं।कुछ करके नाम कमाने की इच्छा लेकर श्रीमती जयश्री ने करीब 10 साल पहले पर्यावरण पूर्व श्री गणेश मूर्तियां बना कर पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना व्यवसाय शुरू की थी।धीरे धीरे उनका यह व्यवसाय बढ़ता गया और उनके साथ कई महिला बचतगट की महिलाएं जुड़ कर काम करने लगी।उसके बाद हर साल उनके द्वारा बनाई हुई कई जानी मानी हस्तियां अपने यहां गणेशोत्सव के दौरान मूर्तियां ले जाकर अपने अपने घरो में स्थापित कर श्री गणेशोत्सव मनाने लगे।


श्रीमती जयश्री ने बताया की वह और उनके साथ जुडी हुई महिलाएं पुरे साल कुर्ला कामगार नगर व चुनाभट्टी पूर्व में गणेश मूर्तियां बनाने का काम करते हैं।उनके द्वारा बनाई हुई श्री गणेश जी की मूर्तियां देश विदेश में भी जाने लगी।उन्होंने यह भी बताया की आज माहौल ऐसा है प्रथमेश इको फ्रेंडली गणेश नाम से मशहर मूर्तियो की मांग देश से जादा विदेश से होने लगी।लोगो का कहना है सोशल मिडिया के इस दौर में फेसबुक ट्विटर वाट्स अप पर उनके द्वारा किए गए पोस्ट को देख गत वर्ष नाशिक में महिला उद्योजिका के तौर पर विशेष रूप से आमंत्रित कर उनका सम्मान किया गया था।

इस वर्ष भी 27 मार्च को नागपुर में गगन भरारी बहुउद्देशीय समाजिक संस्था नागपुर,सोहं बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था नागपुर, विठ्ठल रखुमाई सेवा फाउंडेशन,साईबाबा विकास संस्था अमरावती व एकता फाउंडेशन नागपुर के सौजन्य से निमंत्रक महिमा बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था नागपुर विशेष सहयोग से जयश्रीताई गजाकोश को महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार 2022 देकर सम्मानित किया गया है।नागपुर के सर्योदय आश्रम में हुए एक भव्य कार्यक्रम श्रीमती गजाकोश को यह विशेष पुरस्कार दिया गया है।


श्रीमती गजाकोश ने पुरस्कार प्राप्ति पर अपने संबोधन में कहा की आज की नारी अबला नहीं रही हैं हर नारी को अपना मकशद पूरा करने के लिए आगे आने की जरूरत है।नारी को लोग अब तक केवल एक घर काम वाली औरत समझते थे।अब ऐसा नहीं रहा है।नारी हर वह काम कर सकती है जो एक पुरुष करता है।जो वह नहीं कर सकता है वह भी आज की नारी कर रही हैं।अपने घर संसार को संभालते हुए नारी खुद का कुछ भी करके आगे बढ़ रही हैं।आज हर पुरूष को नारी का सम्मान करने की जरूरत है।तभी समाज और देश का भला व विक्सा होगा।इस कार्यक्रम में अनेक गणमान्य लोग शामिल हुए जिनका स्वागत सत्कार उपरोक्त संस्थाओ के मान्यवरों ने किया है।कार्यक्रम को सफल बनाने वाली संस्थाओ का सभी ने आभार माना है।


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