मुंबई: तीन साल पहले नेहरूनगर पुलिस ने एक वेश्यालय पर छापेमारी के दौरान जिस ग्राहक को गिरफ्तार किया था, उसे कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। न्यायाधीश भारती डांगरे ने ग्राहक को यह कहते हुए जमानत पर रिहा कर दिया कि उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता क्योंकि वेश्यालय का ग्राहक 'संपत्ति' की धारा 370 के दायरे में नहीं आता है।
नेहरूनगर पुलिस ने 2021 में वेश्यालय पर छापा मारा था। उस वक्त इस ग्राहक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उसके खिलाफ पॉक्सो और अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उन्होंने जमानत के लिए हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। इस एप्लिकेशन को लें। डांगरे की एकलपीठ के समक्ष सुनवाई हुई।
उस समय एड। प्रभंजय दवे ने दलील दी। उस समय कहा गया था कि आरोपी के खिलाफ POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है; लेकिन उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि कोठे पर रहने वाली लड़की नाबालिग है।
वह वेश्यालय में एक निश्चित रकम चुकाकर महिलाओं के साथ यौन सुख का आनंद लेने का लालच देकर आया था। इसलिए मांग की गई कि पुलिस की कार्रवाई गलत है और आवेदक को जमानत दी जाए। इसके बाद अदालत ने उनकी दलील को स्वीकार कर लिया और यह कहते हुए जमानत दे दी कि वेश्यालय का ग्राहक आईपीसी की धारा 370 के दायरे में नहीं आता है।
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