मुंबई। जब से भाजपा सरकार केंद्र में सत्ता में आई है, वह हर मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही है। हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का सपना दिखाने वाले मोदी युवाओं को रोजगार देने में विफल रहे हैं और बेरोजगारी एक बड़ी चिंता का विषय है। महंगाई और बेरोजगारी के आंकड़े दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। दिसंबर माह में बेरोजगारी दर 8 प्रतिशत से अधिक हो गयी है और शिक्षा प्राप्त कर नौकरी का सपना देखने वाले युवाओं के सपने अंधकार मय हो गये हैं। लेकिन मोदी सरकार के पास इस ओर ध्यान देने का समय नहीं है। ऐसी टिप्पणी मुंबई कांग्रेस स्लम सेल के अध्यक्ष और प्रवक्ता सुरेशचंद्र राजहंस ने की है। बता दें कि
देश में युवाओं की संख्या लगभग 65 प्रतिशत है और शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे वर्षों से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण 45 वर्षों में सबसे अधिक बेरोजगारी निर्माण हुई है। नए रोजगार पैदा नहीं हो रही हैं, उलटे नौकरियाँ ख़त्म हो रही हैं। राजहंस ने यह भी कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के गलत क्रियान्वयन के कारण एक ओर रोजगार देने वाला क्षेत्र बर्बाद हो रहा है, वहीं दूसरी ओर निजीकरण के नाम पर सार्वजनिक उद्यमों को बेचा जा रहा है।
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