वनविभाग ने चोरी-छीपे मांस की बिक्री करते समय दबोचा
वर्धा : वर्धा के आर्वी में हिरन का शिकार करने वाले तीन आरोपियों को धर दबोचा। वनविभाग ने चोरी-छीपे मांस की बिक्री करते समय आरोपियों को अरेस्ट किया। आरोपियों में आर्वी के पाचोड़ निवासी जीवन अंबादास राठोड़, राजू रणचोड़ राठोड़ व अमरावती जिले के आनंदवाड़ी निवासी दारासिंग लंगरसिंग बावरी का समावेश है।
वनविभाग की टीम ने शिरपुर से वर्धा की दिशा में दोपहिया क्रमांक एमएच-27-एम-2556 से जा रहे 2 लोगों को रोका। वहीं पूछताछ में उन्होंने अपना नाम जीवन राठोड़ व राजू राठोड़ बताया। तलाशी लेन पर उनके पास हिरन का मांस बरामद हुआ। अधिक पूछताछ में हिरन का शिकार करने की बात सामने आई।
जानकारी के आधार पर वनविभाग ने तीसरे आरोपी को हिरासत में लिया। फिलहाल तीनों को न्यायालय ने 8 जुलाई तक वनकस्टडी सुनाई है। इस कार्रवाई को उपवनसंरक्षक राकेश सेपट, सहा. वनसंरक्षक गजानन बोबडे के मार्गदर्शन में आरएफओ नितिन जाधव, वनकर्मी पी. एम. तंबाखे, एम. एल. मुन, शारदा मेश्राम, जाकीर शेख, कान्हा दहातोंडे, सुनील भालेराव, शिवाजी सावंत, तुकाराम घारोले, घनश्याम धामंदे, चंद्रशेखर निघोट ने अंजाम दिया।
मामले के मुख्य आरोपी तथा शिकारी दारासिंग लंगरसिंग बावरी ने हिरन के पानी पीने के स्थान पर नजर रखा। इसके बाद षड्यंत्र रचकर टाकरखेड़-शिरपुर मार्ग के कैनल से सटे पगडंडी मार्ग पर हिरन का शिकार किया। पश्चात हिरन को सुनसान जगह पर ले जाकर उसके मांस के टूकड़े कर दिए। गिरफ्तार आरोपी जीवन व राजू यह अल्प मूल्य में शिकारी दारासिंग बावरी से हिरन का मांस खरीदते थे। यही नहीं तो इसे अधिक मूल्य में अन्य लोगों को बेचते थे, ऐसा पता चला। फिलहाल तीनों आरोपी 8 जुलाई, सोमवार तक वनकस्टडी में है। आगे की जांच शुरू है।
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