मामला पंतनगर पुलिस की हद का।
मुंबई।
घाटकोपर पंतनगर पुलिस की हद विक्रोली ट्रैफिक पुलिस चौकी के सामने हाइवे निवारा की गली में मनपा प्रशासन की बंद पड़ी एक पानी फिल्टर की कंपनी से रोज लाखो रुपए के तांबा पीतल व जर्मन की चोरी होने की जानकारी मिली है।सूत्रो का कहना है की उक्त चोर बोट पर आकर चोरी करने का यह काम कर रहे हैं।
गौरतलब है की पंतनगर पुलिस की हद में आने वाले वन जमीन के अंदर करीब 3 दशक से एक कंपनी बंद पड़ी है।जिसमे आज भी करोडो रुपए के तांबा पीतल व जर्मन के मशीनरी सामान पड़े हुए है।कंपनी में एक दो वाचमैन रहते हैं लेकिन वे चोरो के पास रहने वाले हथियार व उनके मारपीट से डरते हैं।सूत्र बताते हैं की उक्त चोर गोवंडी शिवाजी नगर के पास स्थित बाबा नगर से बोट में सवार होकर उस कंपनी तक आते हैं और एक एक दिन में लाखो रुपए के पीतल तांबा व जर्मन चोरी करके उसी बोट से बाबानगर में जाकर उतर जाते हैं।पुलिस के विशेष सूत्र बताते हैं की गत दिनों इन चोरो ने कंपनी में कार्यरत वाचमैनो की बुरी तरह पिटाई किए थे।जिसका मामला भी पंतनगर पुलिस थाने में दर्ज हुआ था।उसकी खबर प्रकाशित होने के बाद पंतनगर पुलिस ने रंगेहाथ बोट के साथ कुछ चोरो को पकड़ा भी था।जिनके खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया था।उनके द्वारा उपयोग की गई बोट करीब 2 माह तक पंतनगर पुलिस स्टेशन के कब्जे में थी।
पुलिस के सूत्रो का कहना है की चोरी का यह काम शाहरुख, लाला,इमाम,इन्या रहमान, इरफ़ान फावड़ा,अरफात,कलाम,किताब अली,राजू बंगारू,जहांगीर,फारुख, इम्तियाज नामक चोर करते हैं।जिनके साथ अब कादिर नामक एक प्रमुख चोर भी जुड़ चुका है।सूत्र बताते है की इन चोरो में तीन चार चोर ऐसे हैं जो मकोका की सजा काट चुके है।जिसकी पूरी की पूरी जानकारी शिवाजी नगर पुलिस को भी है लेकिन चोरी का यह काम पंतनगर पुलिस की हद में होने के चलते शिवाजी नगर पुलिस इन चोरो पर हाथ नहीं डाल रही है।सूत्र बताते हैं उपरोक्त चोर आपस में मिलकर रात 12 बजे के बाद से सुबह 6 बजे तक चोरी के इस काम को अंजाम दे रहे हैं।कंपनी के एक सुरक्षा रक्षक ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर बताया है की हमको समय पर वेतन नहीं मिलता हम अपनी जान बचा कर किसी तरह से अपनी ड्यूटी करते हैं।रात में चोर कब आकर चोरी करते हैं यह बता पाना मुश्किल है हमे हमारी जान प्यारी हैं जंगल में कोई बचाने को भी नहीं आता है जब वे लोग आते हैं तो हमे भनक भी नहीं लगती है अब तक कई बार चोर हम पर हमला कर चुके हैं कंपनी प्रबंधन कभी देखने तक नहीं आता है।और तो और हमारा दुःख दर्द भी कोई नहीं सुनता है तो हम क्या कर सकते हैं !
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