एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने शुरू करेगी एचआईवी से बचाव का अभियान
मुंबई: टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया के दौर में सेक्स वर्करों के धंधे में बहुत बदलाव आया है। सेक्स वर्क के लिए पारंपरिक जगहों जैसे वेश्यालयों और घर जैसे स्थलों के अलावा भी कई नए अड्डे सामने आए हैं। अब मसाज पार्लर या स्पा जैसी जगहों पर भी पैसे देकर यौन संबध बनाने के मामले सामने आए हैं।
मुंबई जिला एड्स नियंत्रण सोसाइटी अब महानगर के स्पा और मसाज पार्लर में एचआईवी और गुप्तरोग रोकथाम मुहिम शुरू करने वाली है। इस मुहिम के तहत पार्लर में काम करने वाले कर्मचारियों को एचआईवी और गुप्त रोग के प्रति जागरूक किया जाएगा और उन्हें नियमित जांच के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
मुंबई में पहली बार एमडैक्स की ओर से इस तरह की पहल की जा रही है। एशिया और उत्तरी अमेरिका में मसाज पार्लरों में किए गए अध्ययनों से पता चला है कि मालिश करने वाले और मालिश करवाने वाले अक्सर यौन कार्य सहित रोगों को लेकर उच्च जोखिम वाले व्यवहार में संलग्न होते हैं, जिससे उनमें एचआईवी और अन्य एसटीआई बीमारी से ग्रसित होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में एचआईवी की रोकथाम, उपचार और देखभाल सेवाओं के कवरेज को बढ़ाने के लिए स्पा और मसाज पार्लरों में हस्तक्षेप करना महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
भारत में भी सेक्स वर्क के स्वरूप में बदलाव आया है। ऐसे कार्यों के लिए स्पा और मसाज पार्लर जैसे नए स्थान के रूप में उभरे हैं। हालांकि, यह कानूनी रूप से वैध नहीं हैं, लेकिन चोरी-छुपे यह काम किया जा रहा है। इसलिए मुंबई में एचआईवी से संबंधित रोकथाम, उपचार और देखभाल सेवाओं के लिए स्पा और मसाज पार्लरों से जुड़े सभी कार्यकर्ताओं तक पहुंचने की तत्काल जरूरत है।
एमडैक्स के अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि हमें यह नहीं मालूम कि किस स्पा और पार्लर में मसाज की आड़ में पैसे लेकर संबंध बनाया जाता है, लेकिन हमने सभी स्पा और मसाज पार्लर में काम करनेवाले कर्मचारियों को एचआईवी और एसटीडी के प्रति जागरूक करने की योजना बनाई है।
स्पा पार्लर के साथ बैठक
एमडैक्स ने मुंबई में 26 स्पा और मसाज पार्लरों में पॉप्युलेशन मैपिंग और साइज एस्टीमेशन किया है और इन चिन्हित स्पा और मसाज पार्लरों में काम करनेवाले के साथ (फोकस ग्रुप चर्चा) भी आयोजित की है। हितधारकों के साथ चर्चा के दौरान पता चला की मुंबई में 200 से अधिक स्पा और मसाज पार्लर हैं।
जॉइनिंग डॉट्स कर रहा है मदद
एमडैक्स के इस नई पहल को सफल बनाने के लिए ज्वाइनिंग डॉट्स नामक एनजीओ मदद कर रही है। एनजीओ के प्रतिनिधि ने बताया कि अब तक हमने दो स्पा और मसाज पार्लर में कैंप आयोजित करवाया है। हमें काफी अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। स्पा में काम करनेवाले सभी कर्मचारियों की काउंसलिंग के साथ उनकी एचआईवी और गुप्त रोग की जांच भी की गई है। उन्हें वर्क प्लेस पर ही स्वास्थ्य जांच की सुविधा मिल रही है, इसलिए वे लोग भी खुश हैं।
एक स्पा में इतने स्टाफ
एक स्पा में लगभग 20 से 25 कर्मचारी होते हैं। यह कर्मचारी अलग-अलग शिफ्ट में काम करते है। इनमें महिला और पुरुष दोनों का समावेश होता है।
जानकारी जरूरी
स्पा और मसाज पार्लर में सर्विस लेने वाले योगेंद्र शर्मा (बदला हुआ नाम) ने बताया है कि एमडैक्स की यह बहुत अच्छी पहल है। शारीरिक सुख के लिए मैं भी कभी-कभार वहां जाता हूं। लेकिन न तो सर्विस देने वाले को मेरे स्टेटस का पता है और न मुझे उसका। ऐसे में कर्मचारियों को जागरूक करना जरूरी है। इससे उनके हेल्थ स्टेटस का पता चल सकेगा।
ऐसे बढ़ता है खतरा
-अपरिचित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध बनाना
-बाहर यौन संबंध बनाने के बाद भी समय पर जांच नहीं कराना
-वेश्यालयों या मसाज पार्लर में यौन संबंध बनाकर अपने जीवनसाथी को भी खतरे में डालना
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