मुंबई: महाराष्ट्र में किसानों की मौत के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में इस साल के पहले छह महीने में कुल 430 किसानों ने आत्महत्या की है। इनमें सबसे अधिक 101 मौतें बीड जिले में हुई हैं। बीड राज्य के कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता धनंजय मुंडे का गृह क्षेत्र है।
मराठवाड़ा क्षेत्र अक्सर सूखा से प्रभावित रहता है। किसानों की मौत के इन आंकड़ों को लेकर राज्य की सियासत एक बार फिर से तेज हो गई है। बता दें कि फिलहाल महाराष्ट्र के कई जिलों में भीषण बारिश हो रही है। मामले की जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने सोमवार को इन आंकड़ों के बारे में बताया।
अधिकारी ने बताया कि मराठवाड़ा क्षेत्र में 2024 के पहले छह महीने में कुल 430 किसानों ने आत्महत्या की है। अधिकारी ने कहा, "जून में बीड में 30 किसानों ने आत्महत्या की। बीड में आत्महत्या के 101 मामलों में से 46 मामले एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि के पात्र थे, पांच मामले अयोग्य घोषित किए गए और 50 मामलों में विचार किया जा रहा है।’
मराठवाड़ा क्षेत्र अक्सर सूखा से प्रभावित रहता है। जिस कारण से किसानों की फसल का उत्पादन सही तरीके से नहीं हो पाता है। खेती में नुकसान के कारण किसान कर्ज के बोझ में दब जाते हैं।
अधिकारी ने बताया कि कुल 430 में से 256 मामले अनुग्रह राशि के पात्र थे, जिनमें से 169 मामलों में सहायता दी गई। 20 को खारिज कर दिया गया और 154 मामलों में जांच जारी है। संभागीय आयुक्त कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार बीड में 101 किसानों ने आत्महत्या की जबकि छत्रपति संभाजीनगर में 64, जालना में 40, परभणी में 31, हिंगोली में 17, नांदेड़ में 68, लातूर में 33 और धाराशिव में 76 किसानों ने अत्महत्या की।
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