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महाराष्ट्र में बेचा जा रहा पूरा का पूरा गांव

सीएम एकनाथ शिंदे से मांगी इजाजत



 Entire village being sold in Maharashtra-permission sought from CM Eknath Shinde
village being sold

मुंबई: महाराष्ट्र के इतिहास बेहद ही गर्वशाली और स्वाभिमानी रहा है। राज्य देश के सबसे विकसित राज्यों में से एक है। यहां की

राजधानी मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है। मुंबई में देश के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी रहते हैं। इसी मुंबई से लगभग पांच

सौ किलोमीटर की दूसरी पर बीड जिले में एक गांव ऐसा भी है, जिसे वहां के निवासी बेच रहे हैं। आपको शायद यह सुनकर हैरानी

हुई हो लेकिन यह सच है कि एक गांव के ग्रामीण अपने ग्राम को बेच रहे हैं।

गांव के बाहर लगाए गए पोस्टर

महाराष्ट्र के बीड जिले में लोगों ने पूरा का पूरा गांव बेचने के लिए प्रवेशद्वार पर पोस्टर लगाया है। गांव बे बेचने के लिए इन्होंने

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नाम से पोस्टर लगाकर अनुमति भी मांगी है। जिले के पटोदा तालुका के खडकवाड़ी गांव के 1800

रहिवासियों ने मजबूरी में यह कदम उठाकर गांव बेचने वाला पोस्टर लगाया है।

दरअसल ग्रामीणों का मानना है खडकवाड़ी गांव पिछले कई वर्षों से बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। गांव का विकास सिर्फ और सिर्फ कागजों पर है। धरातल पर विकास के नाम पर कुछ नहीं कराया गया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि विकास के नाम पर आने वाले निधि से ग्राम प्रधान और अन्य अधिकारी अपनी जेब भर रहे हैं। गांव में सीएम शिंदे के नाम पर पोस्टर लगाकर कहा गया है कि आपने महाराष्ट्र को कई महत्वकांक्षी योजना देकर राज्य को विकास की और ले जा रहे हैं, लेकिन पाटोदा तालुका के खडकवाड़ी गांव अबतक विकास से कोसों दूर है।

विकास परियोजना गांव में सिर्फ कागज पर कराए गए

सरकार की और से शुरू किए गए सभी विकास परियोजना गांव में सिर्फ कागज पर है। यहां के विकास नाम पर निधि उठाया गया है,

लेकिन धरातल पर कुछ काम नही हुआ है। इस संबंध में कई बार शिकायत की गई है, लेकिन अबतक कोई भी सुनवाई नही की गई

है। हम इस गांव को बेचना चाहते हैं आपकी इजाजत चाहिए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि स्तिथि सिर्फ इसी गांव की नही है।

बल्कि आस पास के गांव में भी यही हालात है। चुनाव के समय बड़े बड़े वादे किए जाते हैं और जितने के बाद कागजों पर ही विकास

किया जाता है। गांव के लोगों ने सीएम से अपील की है कि ऐसी स्तिथि से लड़ने से बेहतर है कि गांव बेच दो।

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