
मुंबई: धुले एक्सप्रेस ट्रेन में बुजुर्ग से मारपीट करने वाले तीनों आरोपियों की बेल कैंसिल हो गई है. सप्लीमेंट्री चार्जेस लगाने के बाद मजिस्ट्रेट ने आरोपियों की बेल कैंसिल कर दी है. बीते दिनों महाराष्ट्र के नासिक में समुदाय विशेष के बुजुर्ग की कई लोगों ने एक्सप्रेस ट्रेन में पिटाई कर दी. बुजुर्ग को प्रताड़ित करने वाले यात्रियों को शक था कि उनके टिफिन में गोमांस है. इस मामले में एफआईआर दर्ज कर तीन लोगों को हिरासत में लिया गया, लेकिन रविवार को मजिस्ट्रेट ने उन्हें रिहा कर दिया. फिलहाल सोमवार को तीनों आरोपियों पर सप्लीमेंट्री चार्जेस लगाने के बाद मजिस्ट्रेट ने उनकी बेल कैंसिल कर दी.
दरअसल, एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिस पठान ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर कहा, "बुजुर्ग हाजी अशरफ अली को जिन दरिंदों ने ट्रेन में मारा-पीटा था, उनको बेल बॉंड पर मजिस्ट्रेट ने रिहा कर दिया था. वहीं सप्लीमेंट्री चार्जेस लगाने के बाद उन तीनों दरिंदों की बेल मजिस्ट्रेट ने कैंसिल कर दी और पुलिस को आदेश दिया उनको फिर से हिरासत में लिया जाए."
बता दें ठाणे पुलिस ने इस केस में जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए शब्दों का प्रयोग करना (बीएनएस की धारा 302) और डकैती या डकैती करते समय घातक हथियार का उपयोग करना या किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाना (बीएनएस की धारा 311) को जोड़ा है. इन मामलों में दोष साबित होने पर कम से कम सात साल की सजा होती है.
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