भिवंडी: गुजरात एटीएस ने महाराष्ट्र के भिवंडी स्थित एक फ्लैट में बड़ी कार्रवाई की. एटीएस ने ड्रग्स बनाने के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही 800 करोड़ रुपये की एमडी ड्रग बरामद की है. बता दें, ATS की यह कार्रवाई सूरत में ड्रग फैक्ट्री के खुलासे के बाद की गई है. पुलिस अधिकारियों ने टीम ने 800 करोड़ रुपये मूल्य की 792 किलोग्राम एमडी ड्रग्स जब्त की है.
अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार संदिग्धों की पहचान मोहम्मद यूनुस और मोहम्मद आदिल के रूप में हुई है. यह कार्रवाई 18 जुलाई को की गई पिछली ड्रग भंडाफोड़ से जुड़ी है, जिसमें अधिकारियों ने 35 किलोग्राम एमडी ड्रग्स जब्त की थी. उस समय, दो व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया था.
बताया जा रहा है कि दोनों आरोपियों का संपर्क सुनील यादव से है जो सूरत केस में आरोपी है. दुबई के स्थानीय पैडलर के साथ मिलकर ये आरोपी एमडी ड्रग बनाने का काम करता था. अधिकारियों ने इस व्यापक ड्रग नेटवर्क के बारे में और जानकारी जुटाने के लिए आगे की जांच शुरू कर दी है.
गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्तियों में मोहम्मद यूनुस एजाज डोंगरी, मुंबई में रहता है. जबकि दूसरा आरोपी मोहम्मद आदिल चिंचबंदर पोस्ट ऑफिस के पास, डोंगरी, मुंबई में रहता है. गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों से पूछताछ के दौरान यह पता चला कि, मोहम्मद यूनुस इजाज दुबई से सोने और इलेक्ट्रॉनिक सामानों की तस्करी में शामिल था. दुबई में ही उसकी मुलाकात एक अज्ञात व्यक्ति से हुई, जिसके साथ मोहम्मद यूनुस और मोहम्मद आदिल ने अवैध मेफेड्रोन (एमडी) के उत्पादन और बिक्री के माध्यम से भारी वित्तीय लाभ कमाने की योजना बनाई.
मिली जानकारी के अनुसार, मोहम्मद यूनुस और मोहम्मद आदिल ने अवैध मेफेड्रोन (एमडी) के निर्माण के लिए पिछले 8-9 महीनों से महाराष्ट्र के भिवंडी में एक फ्लैट किराए पर लिया था. यहीं पर दोनों ने कच्चा माल, उपकरण एकत्र किया और अवैध मेफेड्रोन (एमडी) के निर्माण के लिए रासायनिक प्रक्रिया शुरू की. दोनों गिरफ्तार आरोपियों की इस आपराधिक गतिविधि में उनका एक साथी सादिक भी शामिल है. गिरफ्तार दोनों आरोपी कितने समय से इस आपराधिक गतिविधि में शामिल था और अवैध दवा मेफेड्रोन (एमडी) कहां और किसे बेची, इसके लिए दोनों को पैसे कैसे मिले और इस मादक पदार्थ ड्रग कार्टेल में अन्य कौन लोग शामिल हैं, इसकी गहन जांच चल रही है.
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