सुरक्षा दीवार बनाने की मांग

मुंबई। बरसात शुरू होते ही मुंबई के पूर्वी उपनगर में पहाड़ी के किनारे बसी झोपड़पट्टियों पर एक बार फिर चट्टान गिरने का खतरा मंडरा रहा है। गुरुवार को साकीनाका के काजूपाडा स्थित संगम सोसायटी में पहाड़ी का कुछ हिस्सा गिरने से एक घर बुरी तरह क्षति ग्रस्त हो गया। हालांकि किसी तरह का जान माल का नुकसान नहीं हुआ। लेकिन बरसात में पहाड़ी के किनारे बसी झोपड़पट्टियों के निवासी चट्टान गिरने की घटना से भयभीत हैं।
ज्ञात हो कि पूर्वी उपनगर में लाखों लोग पहाड़ी के किनारे झोपड़ों में रहते आ रहे हैं। विशेष रूप से साकीनाका खाड़ी क्रमांक 3, नेताजी नगर, मिलिंद नगर असल्फा गांव सुभाष नगर, घाटकोपर(प) आजाद नगर, विक्रोली पार्कसाइट, वर्षानगर, चेंबूर पांजरा पोल, चेंबूर वासीनाका स्थित भारत नगर झोपडपट्टी पहाड़ी के किनारे बसी हुई है। महत्वपूर्ण बात यह है कि हर बरसात में मुंबई उपनगर में कहीं न कहीं चट्टान फिरने की घटनाएं हुआ करती हैं लेकिन राज्य सरकार और मनपा की ओर से खतरनाक पहाड़ियों के किनारे बसी झोपड़पट्टियों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती है।
साकीनाका के जाने माने समाजसेवक और बज्मे इंसानियत वेल्फेयर एसोसिएशन के सदस्य लेनिश अरिमबुरे ने बताया कि वर्ष 2000 में घाटकोपर के चिरागनगर में पहाड़ी की चट्टान फिरने से सत्तर से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इसी तरह 26जुलाई 2005की भारी बरसात में साकीनाका के खाड़ी क्रमांक 3 के नेताजी नगर में पहाड़ी गिरने से छह दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। जबकि पिछले साल चेंबूर के भारत नगर झोपड़पट्टी में चट्टान गिरने से कुछ मौतें हुई थी। समाजसेवक लेनीश ने बताया कि वर्ष 2000 के बाद से महाराष्ट्र सरकार की ओर से उपनगर के अनेक इलाकों में पहाड़ों के किनारे बसी झोपड़पट्टियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवारों का निर्माण कराया गया।
लेकिन अभी भी खाड़ी क्रमांक तीन नेताजी नगर, कुर्ला कसाई वाडा तथा चेंबूर पांजरा पोल झोपड़पट्टी और भारत नगर में सुरक्षा दीवारों का निर्माण नही कराया गया है। जिससे पहाड़ी गिरने का खतरा बरकरार है। बज्मे इंसानियत वेल्फेयर एसोसिएशन के सदस्य लेनिश अरिमबूरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, नगरविकास मंत्री और मनपा आयुक्त से तीन नंबर खाड़ी में पहाड़ों के किनारे बसी बस्तियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवारों का निर्माण किए जाने की मांग की है।
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