न्यायालय ने 7 दाेषियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
नागपुर: शहर के एक शासकीय छात्रावास से भागी किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किए जाने के मामले में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश आरपी पांडे ने सीताबर्डी के हॉकर और ऑटो चालक सहित 7 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले में कुशीनगर निवासी अतुल उर्फ बाबा नरेश जनबंधु (22), नालसाहब चौक निवासी फिरोज अहमद जमील अहमद (40), राहुलनगर, सोमलवाड़ा निवासी स्वप्निल देवानंद जवादे (27), चंद्रपुर निवासी मयूर रमेश बारसागड़े (26), सिंधी कॉलोनी खामला निवासी कृष्णा हरिदास डोंगरे (24), जीतू उर्फ चन्नी रमेश मंगलानी (22) और कुंभारटोली निवासी सचिन गोविंदराव बावने (28) काे दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई है। इस मामले में प्रलय उर्फ बीनू मेश्राम, सोमिल नरखेड़कर, सुरेश बारसागड़े और मनोहर साखरे को बरी किया गया है।
सीताबर्डी पुलिस ने 22 अप्रैल 2014 को आरोपियों के खिलाफ अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म सहित विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। 16 वर्षीय पीड़िता काटोल रोड स्थित शासकीय बालगृह में रहती थी। 20 अप्रैल की सुबह वह अपनी 3 सहेलियों के साथ बालगृह से भाग निकली। दिनभर यहां-वहां घूमने के बाद आरोपी फिरोज की चप्पल की दुकान के सामने सो गए। 21 को उसकी सहेलियां वापस चली गई लेकिन पीड़िता सीताबर्डी में ही रुक गई।
फिरोज ने उसे बेसहारा परेशान देख मदद का झांसा दिया। अपने ही साथी हॉकर की दुकान से उसे कपड़े दिलाए। रात में आसरा दिलाने के बहाने उसे अपने साथ ऑटो में सुगतनगर की एक निर्माणाधीन इमारत में ले गया। इमारत के गार्ड सुरेश को 50 रुपए दिए। अपने दोस्तों को कॉल गर्ल बुलवाने की जानकारी दी। सभी आरोपी वहां जमा हो गए। सभी ने वहां शराब भी पी और देर रात तक आरोपियों ने बारी-बारी से पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया।
दूसरे दिन यह मामला सामने आया और पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू की। तत्कालीन सब इंस्पेक्टर दिपाली राऊत ने प्रकरण की जांच कर न्यायालय में आरोपपत्र दायर किया। सरकारी वकील माधूरी मोटघरे 7 आरोपियों के खिलाफ आरोप सिद्ध करने में कामयाब हुई। बतौर पैरवी अधिकारी हेड कांस्टेबल बाबाराव धांदे, माधूरी और मिनल ने अभियोजनपक्ष को सहयोग किया।
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