हफ्ताखोर प्रतिक ननावरे व उसके साथी फरार।
मुंबई। गोवंडी देवनार से भेंड़ और बकरे भरकर निकले एक ट्रक को पशुप्रेमियो ने पकड़कर कोल्हापुर पुलिस के हवाले किया है।इस मामले में शामिल फर्जी पशुप्रेमी प्रतिक ननावरे व उसकी गैंग में शामिल हफ्ताखोर फरार बताए जाते हैं।इन्ही हफ्ताखोरो के संरक्षण में उक्त ट्रक देवनार से जानवर लेकर कर्नाटक के लिए निकली थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार 6 अक्टूबर को सारे नियम कानून को ताक पर रखकर हफ्ताखोर प्रतिक ननावरे व उसकी गैंग में शामिल हफ्ताखोरो ने देवनार पशुवधगृह से एक ट्रक में 500 से अधिक जानवर ठूस ठूस कर भरवाए थे।जिसकी एवज में इन हफ्ताखोरो ने प्रोटेक्शन मनी के तौर पर यहां के ब्यापारियो से अच्छी खासी रकम वसूल किए थे।पुलिस सूत्र बताते हैं की कहावत है की हर शेर को सवाशेर मिलता है।वही हुआ की यहां के इन हफ्ताखोरो के गाडियो को पकड़ने के असली पशुप्रेमी पड़ गए।जिन्होंने इनकी एक गाडी कराड में पकड़ कर पुलिस के हवाले किए।लेकिन इन हफ्ताखोरों ने पुलिस से सेटिंग कर वहां से गाडी और जानवर लेकर फरार हो गए थे।जिसकी शिकायत उच्च स्तर पर करने के बाद कराड पुलिस ने पुनः उस गाडी को बुलवाकर बांड भरवाकर छोड़ दिया था।जिसे इधर उधर घुमाकर पुनः इन हफ्ताखोरो ने लेकर भागने की कोशिश किए की उक्त जानवरो से भरे ट्रक को असली पशुप्रेमियो ने पकड़ा और कोल्हापुर पुलिस को सौंप दिया है।जहां की पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की है।बताया जाता है की प्रमुख हफ्ताखोर प्रतिक ननावरे व उसके साथी हफ्ताखोर काफी प्रयास कर पुनः उक्त गाडी व जानवरो को अपनी निगरानी में रखने में सफलता हाशिल कर लिए।
पुलिस के विशेष सूत्र बताते हैं की उक्त ट्रक में 500 से अधिक जानवर भरे हुए हैं, जिनकी कुल कीमत करीब 55 लाख रुपए बताए जाते हैं।बहरहाल हफ्ताखोर प्रतिक ननावरे व उसके साथी हफ्ताखोर इस मामले में फरार बताए जाते हैं।केवल ट्रक चालक व अन्य लोगो पर कोल्हापुर पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की अधिक जांच शुरू किया है।बताया जाता है की यह कार्यवाई असली पशुप्रेमी आशीष बारीक व उनकी टीम ने करवाई है।जिसके चलते यहां के हफ्ताखोरो में खलबली मच गई है।
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