आरोप साबित न होने पर अदालत ने किया बरी
मुंबई: महाराष्ट्र के ठाणे की एक विशेष अदालत ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को जबरन वसूली के एक मामले में बरी कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अदालत ने दाऊद के भाई को सबूतों के अभाव और अभियोजन पक्ष द्वारा आरोप साबित करने में नाकाम होने पर बरी कर दिया। बुधवार को अपने आदेश में विशेष महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) कोर्ट के जज अमित एम. शेटे ने कहा कि इब्राहिम कासकर को सबूतों के अभाव में बरी किया जाता है। उन्होंने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष कासकर के खिलाफ आरोप साबित करने में नाकाम रहा।
जमीन के सौदे में उगाही के मामले में दर्ज हुआ था केस
बता दें कि ठाणे नगर पुलिस थाने में दर्ज 3 अक्टूबर 2017 के एक केस के तहत इकबाल कासकर पर MCOCA के साथ-साथ IPC की धाराओं 384 (जबरन वसूली) और 387 (जबरन वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति की जान लेने या गंभीर चोट पहुंचाने का भय दिखाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। दर्ज किए गए मुकदमे के मुताबिक कासकर और दाऊद इब्राहिम सहित अन्य आरोपियों ने गोराई में 38 एकड़ जमीन के सौदे के लिए एक बिल्डर से 3 करोड़ रुपये की उगाही की थी। इस केस में ऐसा बताया गया था कि जबरन वसूली मार्च 2012 और जुलाई 2016 के बीच हुई थी।
दाऊद गैंग पर लगते रहे हैं जबरन वसूली के आरोप
मामला सामने आने के बाद कासकर पर IPC की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था और MCOCA भी लगाया गया था। इकबाल कासकर की तरफ से दलील देते हुए उनके वकील पुनीत महिमकर ने कार्ट को ये बताया कि पुलिस की जांच में कई और अनियमितताएं हैं। कोर्ट ने इस बात को माना कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित नहीं कर पाया संदेह का लाभ देते हुए इकबाल कासकर को इस मामले में बरी कर दिया गया। बता दें कि मुंबई बम ब्लास्ट केस के आरोपी दाऊद इब्राहिम और उसके गैंग पर जबरन वसूली से लेकर हत्या तक के आरोप लगते रहे हैं।
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