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ठाणेकर त्रस्त मौसम की मार गाल फूली रोग से ... विशेषज्ञों की राय,

Writer: Meditation MusicMeditation Music

मुख करें साफ; घर पर करें आराम



ठाणेकर त्रस्त मौसम की मार गाल फूली रोग से ... विशेषज्ञों की राय, मुख करें साफ; घर पर करें आराम
ठाणेकर त्रस्त मौसम की मार गाल फूली रोग से ... विशेषज्ञों की राय, मुख करें साफ; घर पर करें आराम

ठाणे : मौसम में बदलाव के चलते विषाणु जनित बिमारियों का फैलाव तेजी से हो रहा है। छोटे बच्चों से लेकर युवकों और बुजुर्गों में गाल फूलने वाली बिमारी का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा रोगियों को घर में एक दूसरे से निश्चित दूरी बनाकर रहने और मुंह हमेशा साफ रखने की सलाह दी गई है। सुबह को ठंड और दिन में तेज धूप जैसे मौसम का सामना ठाणेकरों को करना पड़ रहा है। इसकी वजह से सर्दी, खांसी, बुखार, आंखें लाल और गाल फूलने जैसी बीमारियों से लोग त्रस्त हो रहे हैं।

मौसम जनित उक्त बीमारियों से पीड़ित बड़ी संख्या में मरीज सिविल अस्पताल आने लगे हैं। जिला शल्य चिकीत्सक डॉ. कैलास पवार, अतिरिक्त जिला शल्य चिकित्सक डॉ. धीरज महांगडे के मार्गदर्शन में उनका उचित इलाज किया जा रहा है, यह जानकारी बालरोग विशेषज्ञ डॉ. प्रकाश बोरुलकर ने दी है। उन्होंने बताया कि गाल फूलने वाली बिमारी का प्राथमिक लक्षण सर्दी, खांसी, बुखार है।

गाल फूली बीमारी से ग्रस्त रोगियों को एक दूसरे से अलग रहने, घर पर आराम करने, मुंह हमेशा साफ रखने, पतला आहार लेने, ज्यादा से ज्यादा फलों का सेवन करने, विशेषज्ञ डाक्टरों से सलाह और उपचार लेने तथा 12 से 14 वर्ष की उम्र वाले बच्चों का टीकाकरण करने की सलाह दी जा रही है। इसके विषाणु णु बात बात करते, खांसते तथा छींकते समय एक दूसरे के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इस लिए बाहर निकलते समय विशेषज्ञों की राय, मुख करें साफ, घर पर करें आराम मास्क लगाना जरूरी हो जाता है।

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