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Writer's pictureRavi Nishad

झोपड़पट्टियों के स्कूलों के लिए नई नियमावली बनाने की मांग

मुंबई की झुग्गी बस्तियों के छात्रों को शिक्षा से वंचित होने से बचाने के लिए नियमों में बदलाव की मांग,


विधायक नवाब मलिक का सरकार से विशेष आग्रह



मुंबई: मुंबई की झुग्गी बस्तियों में रहने वाले छात्रों की शिक्षा का अधिकार लगातार बाधाओं का सामना कर रहा है। महानगर पालिका और कलेक्टर की भूमि संबंधी कठोर शर्तों के कारण इन बस्तियों में स्कूल निर्माण में कई अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है। इसी गंभीर मुद्दे को लेकर आमदार नवाब मलिक ने महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री से विशेष आग्रह किया है कि सरकार इन नियमों में संशोधन कर गरीब छात्रों के शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करे।


झुग्गी बस्तियों में शिक्षा की गंभीर स्थिति:


मुंबई महानगर पालिका में हजारों झुग्गी बस्तियां हैं, जहां रहने वाले बच्चों को बुनियादी शिक्षा पाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है। इन क्षेत्रों में स्कूल निर्माण के लिए आवश्यक लीज़ एग्रीमेंट,भूमि प्रमाण पत्र,और संपत्ति कार्ड की अनुपलब्धता के कारण,झुग्गियों के गरीब बच्चों को अपनी पढ़ाई पूरी करने में गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। महानगर पालिका और कलेक्टर की कड़ी शर्तों के चलते झुग्गी बस्तियों में स्कूल चलाना लगभग असंभव हो गया है।


वर्तमान सरकारी नियम के अनुसार,स्कूल निर्माण के लिए 5000 वर्ग फीट भूमि की आवश्यकता होती है, जो झुग्गी क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं होती। इस कारण से इन इलाकों में रहने वाले झुग्गी बस्तियों के बच्चों की शिक्षा पर गंभीर असर पड़ रहा है।


विधायक नवाब मलिक ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध किया है कि 5000 वर्ग फीट की भूमि की शर्त को घटाकर 2500 वर्ग फीट किया जाए। उनके अनुसार इस छोटे बदलाव से झुग्गी क्षेत्रों में शिक्षा का विस्तार संभव हो सकेगा,और वहां के स्कूलों को प्लस टू स्तर तक की इमारत बनाने की मांग की है इस से झुग्गियों के गरीब बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।


नवाब मलिक का कहना है कि झुग्गी क्षेत्रों में उपलब्ध सीमित भूमि को ध्यान में रखते हुए इस नियम में बदलाव करना अनिवार्य है,ताकि वहां के बच्चे शिक्षा से वंचित न हों। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जैसे विश्वविद्यालयों को ऊंची इमारतों के निर्माण की अनुमति दी गई है, वैसे ही स्कूलों के लिए भी यह छूट दी जानी चाहिए, ताकि भूमि की कमी के बावजूद गुणवत्तापूर्ण झुग्गियों के गरीब बच्चों को शिक्षा दी जा सके।


महानगर पालिका और कलेक्टर की एनओसी की अनिवार्यता को सरल बनाने की मांग :


मुंबई की कुछ भूमि महानगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में आती है, जबकि कुछ क्षेत्र कलेक्टर के अंतर्गत हैं। ऐसे में स्कूल संचालन के लिए एनओसी प्राप्त करने में भी कई कठिनाइयां उत्पन्न होती हैं। विधायक नवाब मलिक साहेब ने इस संबंध में भी सुझाव दिया कि दोनों संस्थाओं से एनओसी लेने की प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाया जाए, ताकि शिक्षा संबंधी कार्य बिना किसी बाधा के हो सके।


गरीब छात्रों को मिलेगा शिक्षा का अधिकार :


यदि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करते हुए नियमों में आवश्यक संशोधन सरकार करती है, तो इससे मुंबई की झुग्गी बस्तियों के हजारों छात्र शिक्षा के अधिकार का लाभ उठा सकेंगे।श्री मलिक का कहना है कि सरकार को गरीब छात्रों की शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए और जल्द से जल्द इन नियमों में बदलाव करना चाहिए।


उन्होंने शिक्षा मंत्री से अपील करते हुए कहा, "यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह गरीब बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित न होने दे। नियमों में संशोधन कर इन गरीब बच्चों को उचित शिक्षा प्राप्त करने का अवसर दिया जाना चाहिए।"अब देखना होगा कि सरकार इस मामले पर क्या कदम उठाती है, लेकिन इतना तय है कि अगर नियमों में बदलाव होता है,तो यह मुंबई की झुग्गी बस्तियों के छात्रों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा।

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