पुणे : महाराष्ट्र
के पुणे में जीका के आठ नए मामले सामने आए, जिससे जिले में कुल संख्या 81 हो गई। पुणे नगर निगम (पीएमसी) के रिपोर्ट किए गए सात रोगियों में से 6 गर्भवती महिलाएं हैं। वहीं एक 36 वर्षीय पुरुष की हालत खराब है। इसके साथ ही शहर में जीका के मामलों की संख्या बढ़कर 73 हो गई है। ग्रामीण पुणे में छह और पिंपरी चिंचवाड़ शहर में दो मामले सामने आए हैं। बुधवार को जीका पॉजिटिव होने की पुष्टि करने वाली छह गर्भवती महिलाओं में से कम से कम पांच का विसंगति स्कैन सामान्य बताया गया था। ग्रामीण पुणे में, पुरंदर का एक 31 वर्षीय व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया। उन्होंने हैदराबाद की यात्रा की थी और बुखार और लाल चकत्ते जैसे लक्षणों की सूचना दी थी। उनकी हालत स्थिर बताई गई है। अब तक जीका वायरस के चार मरीजों की मौत हो चुकी है।
खास बात है कि पुणे में सबसे ज्यादा जीका वायरस संक्रमण का पता महिलाओं में चल रहा है। इससे पहले 26 गर्भवती महिलाएं संक्रिमत मिली थीं, अब एक दिन में छह और महिलाओं के संक्रमित होने से जीका वायरस प्रभावित गर्भवती महिलाओं की संख्या 32 हो गई है।
अफसरों ने बताया कि सबकी हालत स्थित है। इस साल पुणे में जीका वायरस के संक्रमण का पहला मामला 20 जून को सामने आया था। 46 वर्षीय डॉक्टर का परीक्षण सकारात्मक आया था। बाद में उनकी 15 वर्षीय बेटी भी वायरस से संक्रमित पाई गई थी।
पुणे नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने आश्वासन दिया है कि देश में किसी भी मौत को सीधे जीका वायरस के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। हालांकि, विभाग अभी भी चार मृतक मरीजों की रिपोर्ट समीक्षा के लिए महाराष्ट्र सरकार की मृत्यु लेखा परीक्षा समिति को भेजेगा।
गर्भावस्था में जीका वायरस खतरनाक
गर्भावस्था के दौरान जीका वायरस का संक्रमण माइक्रोसेफली का कारण बन सकता है, एक ऐसी स्थिति जिसमें असामान्य मस्तिष्क विकास के कारण बच्चे का सिर काफी छोटा होता है। यह वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है, जो डेंगू और चिकनगुनिया भी फैलाता है। पीएमसी स्वास्थ्य विभाग मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए निगरानी और धूम्रीकरण सहित प्रकोप को नियंत्रित करने के उपाय कर रहा है।
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