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जनवरी से अगस्त के बीच राज्य में भ्रष्टाचार के 499 मामले दर्ज



 499 cases of corruption registered in the state between January and August
499 cases of corruption registered in the state between January and August

मुंबई : महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से पता चला है कि ज्यादातर जाल मामले राजस्व और भूमि अभिलेख विभाग के अधिकारियों से संबंधित हैं, इसके बाद पुलिस, पंचायत समिति और जिला परिषद के अधिकारी हैं। इस साल जनवरी से अगस्त के बीच राज्य में भ्रष्टाचार के 499 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 472 जाल मामले, 22 आय से अधिक संपत्ति के मामले और भ्रष्टाचार से जुड़े पांच अन्य मामले शामिल हैं।

सबसे ज्यादा मामले राजस्व और भूमि अभिलेख विभाग (134) के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं, इसके बाद पुलिस (88), पंचायत समिति (42), जिला परिषद (32), महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (एमएसईडीसीएल) (27) और शिक्षा विभाग (24) के खिलाफ दर्ज किए गए हैं।

एसीबी ने खुलासा किया कि जाल मामलों में शामिल ज्यादातर अधिकारी तृतीय श्रेणी के सरकारी अधिकारी (345) हैं, इसके बाद द्वितीय श्रेणी के अधिकारी (71), प्रथम श्रेणी के अधिकारी (46) और चतुर्थ श्रेणी के अधिकारी (28) हैं। 186 जाल मामलों में शामिल रिश्वत की रकम 1.49 करोड़ रुपये है। रिश्वत की सबसे अधिक राशि पुलिस (41.24 लाख रुपये) के अधिकारियों से संबंधित है, उसके बाद राजस्व और भूमि अभिलेख विभाग (21.13 लाख रुपये), जिला परिषद (14.57 लाख रुपये) और पंचायत समिति (9.6 लाख रुपये) का स्थान है।

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