रवि निषाद/मुंबई। कोविड 19 कोरोना कॉल के चलते करीब दो साल हर काम धंधा ब्यापार सब बेकार हो गया था।हर कोई आर्तिक तंगी से गुजर रहा था।हर बन्धन ख़त्म होने के बाद हिन्दुओ के सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले इस गणेशोत्सव में लोगो का झुकाव सस्ते,हल्के व पर्यावरण पूरक श्री गणेश मूर्तियों की तरफ दिखाई दे रहा है।
गौरतलब है कि हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार गणेशोत्सव के लिए सभी तैयारियां शुरू हो चुकी है।हर गल्ली नुक्कड़ पर श्री गणेश मूर्तियों के बनाने के पंडाल,बेचने के पंडाल व उन्हें बैठाने के पंडाल लग चुके हैं।इस संबंध में मुंबई शहर के कई मूर्तिकारों से बात करने पर मालूम पड़ा कि मुंबई में इस बार आम गणेश भक्तो का झुकाव पर्यावरण पूरक मूर्तियो की तरफ जादा है।कुर्ला पूर्व नेहरू नगर के प्रथमेश इको फ्रेंडली गणेश मूर्तिकार की जयश्री गजाकोश ने बताया कि हमारे से करीब 200 इको फ्रेंडली मूर्तियां विदेश भेजी गई है।इस बार हर मंडल व घरेलू लोग अपने पंडालो में पर्यावरण पूरक मूर्ति बैठाने में काफी रूचि दिखा रहे हैं।
उनका कहना है की प्रथमेश इको फ्रेंडली संस्था में दर्जनों महिलाएं दिन रात सुंदर मन मोहक इको फ्रेंडली मूर्ति बनाने में लगे हुए हैं।इस बार हमने 500 रुपए से 2500 हजार रुपए तक की मूर्तियों का निर्माण किया हैं।जयश्री गजाकोश ने यह भी बताया कि गणेश भक्त इस बार इको फ्रेंडली पर्यावरण पूरक गणेश मूर्तियां खरीदें जो सस्ते,हल्के व पर्यावरण पूरक हैं।जिससे पर्यावरण को भी नुकसान नही होगा और वे मुर्तिया जल्दी पानी में विलीन भी हो जाएंगी।प्रथमेश इको फ्रेंडली संस्था में महिला बचत गट की महिलाओ के साथ साथ संजना गजाकोश,जानवी चव्हाण व सुनील जाधव जैसे मूर्तिकार काम कर रहे हैं।
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