मुंबई। हिंदी भाषा के प्रखर विद्वान साहित्यरत्न डॉक्टर आद्याप्रसाद सिंह का ८९ वर्ष की उम्र् में गत १६ जनवरी २०२३ को उनके घाटकोपर, मुंबई स्थित निवास स्थान पर निधन हो गया है।जो हिंदी भाषा जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति मानी जा रही है।
ज्ञात हो कि डॉक्टर आद्याप्रसाद सिंह घाटकोपर स्थित ‘आर. जे. कॉलेज’ में हिंदी विभाग के हेड़ ऑफ़ डेपार्टमेंट, होने के साथ अपने समय के भाषा विज्ञान के प्रसिद्द प्रोफेसर माने जाते थे । जिन्हे बॉम्बे यूनिवर्सिटी में एम्. ए के छात्रों को पढ़ाने का गहन अनुभव प्राप्त था । वे हिंदी विषय में बॉम्बे यूनिवर्सिटी में पी. एच. डी के गाइड भी थे ।
उस समय जब उत्तर प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा का आभाव था, तब मूल रूपसे उत्तर प्रदेश , जौनपुर में एक किसान के बेटे डॉक्टर आद्याप्रसाद सिंह ने बी. ए , आर्टस सन १९५४ में तिलकधारी सिंह क्षत्रिय कॉलेज जौनपुर से पूर्ण कर, बॉम्बे यूनिवर्सिटी से सन १९५८ में एम्. ए. आर्टस की डिग्री हासिल की। वो वहीँ पर न रुक कर, सन १९६९ में बॉम्बे यूनिवर्सिटी से पी. एच. डी, आर्ट्स की डिग्री हासिल कर उत्तर भारतीय समाज में उच्च शिक्षा ग्रहण करने की आकांक्षा रखने वाले विद्यार्थियों के लिए एक मिसाल बन गए ।
‘हिंदुस्तानी प्रचार सभा’ के अपने डायरेक्टर पद के कार्य काल में , एवं ‘राष्ट्रभाषा प्रचार समिति’ के प्रमाणित प्रचारक के रूप में डॉक्टर सिंह ने हिंदी भाषा के प्रचार , प्रसार , विस्तार के लिए अनेको सराहनीय कार्य किये।
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डॉक्टर सिंह ने मुंबई स्थित – सोफिया कॉलेज , रुइया कॉलेज, पोद्दार कॉलेज, खलास कॉलेज , नेशनल कॉलेज जैसी शैक्षणिक संस्थाओं में भी हिंदी के शिक्षक के रूप में अपना योगदान दिया।
डॉक्टर आद्याप्रसाद सिंह का अंत्यसंस्कार 16 जनवरी की शाम को घाटकोपर ( पूर्व) के राजावाडी स्मशान में किया गया। उनके छोटे पुत्र मुंबई कांग्रेस इन्वेस्टर एवं कंज्यूमर सेल के चेयरमैन अजीत सिंह ने मुखाग्नि दी।