मुंबई। देश के जाने माने सीआईयू होल्ड सुपारी के 80 कंटेनर गायब होने का मामला गायब हो गया है।इस मामले में न्हवा शेवा अक्षय वेयर हाउस प्रशासन सकते में आ गया है।जिसकी उच्च स्तर पर जांच शुरू होने की जानकारी मिली है। प्राप्त जानकारी के अनुसार देश के सबसे बड़े पोर्ट न्हवा शेवा कस्टम ने अवैध तरीके से तस्करी द्वारा आयात हुए सुपारी के 80 कंटेनरो को कस्टम की जांच इकाई सीआईयू विभाग ने जो पहले से अपने होल्ड पर रखा था।बताया जाता है की विभाग में बैठे कुछ भ्रष्ट अफसरों की सह पर सीआईयू होल्ड के उन सभी 80 कंटेनरो को तस्करों के एक ठेकेदार ने फरवरी 2023 में अक्षय वेयर हाउस, तालुका उरण में रखवा दिया था।और फिर उन कंटेनरो को एक एक करके सभी 80 कंटेनरों को वहां से गायब करवाने में सफल हो गया है। विशेष सुत्रो का कहना है की न्हवा शेवा कस्टम जेएनपीटी के अंतर्गत इतने बड़े पैमाने पर तस्करों से सांठ गांठ करके होल्ड किए गए सामान की चोरी का यह आज तक का सबसे बड़ा मामला बताया जाता है।स्थानीय कई लॉजस्टिक वालों कस्टम क्लीयर कराने वालो ब्यापरियो व एजेंटो की माने तो इस मामले में कई उच्च लोग शामिल है।
जिसकी उचित जांच होने पर कई बड़ी मछलियाँ अंदर जा सकती हैं।लोग बताते है की न्वाहा शेवा पोर्ट ट्रस्ट का यह सबसे बड़े चोरी का मामला है।बताया जाता है की यह पूरा मामला 3500 करोड़ का है।जिसे अब दिल्ली डीआरआई देख रही है।इस मामले को छुपाने के लिए छोटे छोटे ब्यापरियो के करीब 500 जूनून कंटेनरो को होल्ड किया गया।उसी के माध्यम से उनसे जमकर वसूली हुई है।जिससे उक्त मामला ठंडे बस्ते में पड़ जाए। सूत्रो का यह भी कहना है एसआईआईबी के कमिश्नर सोनल बजाज और सीआईयू के कमिश्नर धीरेन्द्र गवरईयाल की भूमिका संदिग्ध है।जो चर्चा का विषय बना हुआ है।इस सन्दर्भ में जब कुछ अधिकारियो से संपर्क किया गया तो कोई भी अधिकारी अपनी जुबान खोलने को तैयार नहीं हुआ !